Rajasthan News: सुप्रीम कोर्ट ने देशभर के बीएड अभ्यर्थियों को बड़ा झटका दिया है. देश की सर्वोच्च अदालत ने एनसीपीई और केंद्र सरकार की एसएलपी खारिज करते हुए राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले को सही ठहराया है.
सुप्रीम कोर्ट ने बीएड अभ्यर्थियों को बड़ा झटका दिया
सुप्रीम कोर्ट ने देशभर के बीएड अभ्यर्थियों को बड़ा झटका दिया है. देश की सर्वोच्च अदालत ने एनसीपीई और केंद्र सरकार की एसएलपी खारिज करते हुए राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले को सही ठहराया है. राजस्थान हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि केवल बीटीसी डिप्लोमा धारक ही कक्षा एक से पांचवीं तक के स्कूलों में शिक्षक के पद पर आवेदन करने के लिए पात्र होंगे. इस फैसले के बाद अब देशभर के बीएड अभ्यर्थियों को कक्षा एक से पांचवीं तक के स्कूलों में शिक्षक के पद पर आवेदन करने के लिए बीटीसी डिप्लोमा प्राप्त करना होगा.
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से देशभर के बीएड अभ्यर्थियों में रोष है. वे इस फैसले को गलत और पक्षपाती बता रहे हैं. वे मांग कर रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट इस फैसले को वापस ले.
बीएड अभ्यर्थियों का कहना है कि बीएड और बीटीसी दोनों ही शिक्षक बनने के लिए योग्य डिग्री हैं. बीएड डिग्री को बीटीसी डिग्री से कमतर नहीं माना जाना चाहिए. वे यह भी कहते हैं कि बीएड डिग्री धारकों को कक्षा एक से पांचवीं तक के स्कूलों में शिक्षक के पद पर आवेदन करने के लिए बीटीसी डिप्लोमा प्राप्त करने के लिए मजबूर करना अव्यवहारिक और अनावश्यक है.
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का देशभर के शिक्षा जगत पर भी बड़ा असर पड़ेगा. यह फैसला बीएड डिग्री की वैधता को कम करेगा और बीटीसी डिप्लोमा धारकों को शिक्षक बनने में आसानी होगी. इससे बीएड डिग्री धारकों के लिए शिक्षक बनना मुश्किल हो जाएगा और वे बेरोजगारी का शिकार हो जाएंगे.
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को देशभर के बीएड अभ्यर्थियों और शिक्षा जगत के लोगों ने नकारात्मक रूप से लिया है. वे इस फैसले को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.
क्या है पूरा मामला
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से देशभर के बीटीसी अभ्यर्थियों को बड़ी राहत मिली है. वहीं बीएड अभ्यर्थियों को बड़ा झटका लगा है. राजस्थान के भी लाखों बीएड पास कैंडिडेट्स पर इस फैसले का असर पड़ेगा. इस फैसले के बाद अब अब तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती परीक्षा लेवल-1 के लिए केवल BTC डिप्लोमा धारक ही पात्र होंगे. इससे पहले एनसीपीई ने बीएड अभ्यर्थियों को भी लेवल-1 के लिए पात्र माना था.
एनसीटीई ने 2018 में एक नोटिफिकेशन जारी किया था. इसमें कहा गया था कि बीएड डिग्रीधारकों को भी रीट लेवल-1 के लिए योग्य जाएगा. अगर बीएड डिग्रीधारी लेवल-1 में पास होते हैं, तो उन्हें नियुक्ति के साथ छह महीने का ब्रिज कोर्स करना होगा. राजस्थान में रीट लेवल-1 में बीएड डिग्री धारकों को शामिल करने पर बीटीसी डिप्लोमाधारी आंदोलन पर उतर आए थे. इसके बाद यह मामला राजस्थान हाईकोर्ट पहुंचा था.
हाई कोर्ट में एनसीटीई के नोटिफिकेशन को चुनौती दी गई. वहीं बीएड वालों ने रीट लेवल-1 में शामिल करने के लिए अपील हाईकोर्ट से की. हाईकोर्ट ने अपने फैसले में बीएड वालों को लेवल-1 से बाहर कर दिया था. राजस्थान हाई कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ एनसीटीई और केंद्र सरकार ने बीएड वालों के समर्थन में सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी.
कुछ बीएड की JBT पदों पर कंडीश्नल नौकरी दी
जब देश की अदालत में यह विवाद चल रहा था, उस दौरान राज्य सरकार ने बैचवाइज कोटे से लगभग 225 बीएड डिग्रीधारकों को JBT पदों पर कंडीश्नल नौकरी दे दी है। जाहिर है कि अब सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद इन्हें हटाया जा सकता है।
एलिमेंटरी एजुकेशन डायरेक्टर घनश्याम चंद ने बताया कि अदालत का ऑर्डर पढ़ने के बाद इसे लेकर निर्णय लिया जाएगा। हालांकि उन्होंने माना कि बीएड को अभी कंडीश्नल नौकरी पर रखा गया है, क्योंकि अदालत का निर्णय आना बाकी था।
चार साल से सुप्रीम कोर्ट में था मामला
साल 2019 से JBT पदों पर भर्ती का यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन था। अब जाकर कोर्ट ने फैसला सुनाया है। इसे JBT प्रशिक्षित बेरोजगारों के लिए बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है।
बड़ी राहत इसलिए क्योंकि हाल में शिक्षा विभाग द्वारा निकाली गई बैचवाइज भर्ती में एक भी JBT को अगले कई साल तक नौकरी मिलने की संभावना नहीं थी, क्योंकि JBT का अभी 2010-11 का बैच चला हुआ था, जबकि बीएड डिग्रीधारकों का अभी 1998-99 का बैच चल रहा था। इस वजह से बैचवाइज कोटे से बीएड डिग्रीधारकों को ही नौकरी मिल रही थी।
NCTE के ऑर्डर रद्द करने की जानकारी: मंत्री
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि अभी ऑर्डर की कॉपी नहीं मिली। मगर, ऐसी सूचना है कि सुप्रीम कोर्ट ने NCTE के ऑर्डर को रद्द कर दिया है। इसके मुताबिक JBT प्रशिक्षित बेरोजगारों को ही इन पदों पर नौकरी दी जाएगी।
विवाद के कारण सालों से नहीं हो पा रही थी भर्ती
हिमाचल में लंबे समय से JBT भर्ती के विवाद के कारण इनकी भर्ती नहीं हो पाई थी। इस वजह से स्कूलों में JBT के 3500 से ज्यादा पद खाली हो गए थे। इसका सीधा असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ रहा था। अब भर्ती का विवाद खत्म होने के बाद इन पदों पर भर्ती शुरू हो पाएगी।
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